राजनांदगांव आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा मामला, 7 लोगों को गिरफ्तार,528 आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल : Aarakshak Bharti Update News

राजनांदगांव जिले में आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद राज्य सरकार ने तत्काल कदम उठाए हैं। भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की गंभीर शिकायतें प्राप्त होने के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने इसे स्थगित कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय एसआईटी का गठन किया गया है। भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं।

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Aarakshak Bharti Update News
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Aarakshak Bharti Update News क्या है मामला?

राजनांदगांव में 528 आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। यह मामला तब उजागर हुआ जब शिकायतें सामने आईं कि भर्ती में अंकों की गलत एंट्री की गई है। स्थिति और गंभीर तब हो गई जब एक आरक्षक अनिल रत्नाकर ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपनी हथेली पर “फंसा रहे हैं” लिखकर इस फर्जीवाड़े की ओर इशारा किया।

महत्वपूर्ण घटनाक्रम

तिथि घटना
16 नवंबर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई।
15 दिसंबर भर्ती में गड़बड़ी उजागर हुई और एफआईआर दर्ज हुई।
18 दिसंबर आरक्षक अनिल रत्नाकर ने आत्महत्या कर ली।
19 दिसंबर 4 आरक्षकों और हैदराबाद की इवेंट कंपनी के 2 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया।
20 दिसंबर अभ्यर्थी मीना पात्रे को गिरफ्तार किया गया।
25 दिसंबर राज्य सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की घोषणा की।

फर्जीवाड़े की शिकायतें

  1. अंकों की गलत एंट्री: भर्ती में लगभग 3,000 अभ्यर्थियों के अंकों की गलत एंट्री की गई थी।
  2. गोलमाल: महिला अभ्यर्थी द्वारा 8117 मीटर गोला फेंकने का दावा किया गया, जो असंभव है।
  3. संपर्कित लोग: मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक आरक्षक, एक अभ्यर्थी और हैदराबाद की इवेंट कंपनी के कर्मचारी शामिल हैं।

एसआईटी की जांच

गृहमंत्री विजय शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है।

एसआईटी के मुख्य कार्य:

  • साक्ष्य एकत्र करना: भर्ती प्रक्रिया से संबंधित सभी दस्तावेज और डेटा की जांच।
  • गिरफ्तारी: दोषी लोगों की पहचान और कार्रवाई।
  • रिपोर्ट: 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करना।

गृहमंत्री का बयान

गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि इस फर्जीवाड़े में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

जांच की प्रमुख चुनौतियां

  • उच्चाधिकारियों की भूमिका: अब तक भर्ती प्रक्रिया के इंचार्ज और बड़े अधिकारियों से पूछताछ नहीं हुई है।
  • साक्ष्य जुटाना: फर्जीवाड़े को साबित करने के लिए सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना।
  • सप्लाई चैन की जांच: इसमें शामिल कंपनियों और बाहरी व्यक्तियों की भूमिका की गहन जांच।

प्रभाव और निष्कर्ष

राजनांदगांव में इस फर्जीवाड़े ने भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना एक संकेत है कि सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए और अधिक कड़े उपायों की आवश्यकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

  1. राजनांदगांव में आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में कितनी रिक्तियां थीं?
    भर्ती प्रक्रिया में 528 रिक्त पद थे।
  2. फर्जीवाड़े में कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है?
    फर्जीवाड़े में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
  3. मामले की जांच कौन कर रहा है?
    एसआईटी (विशेष जांच टीम) इस मामले की जांच कर रही है।
  4. मुख्यमंत्री ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?
    मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री और अन्य अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

 

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